देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
अर्थ: आपके सानिध्य में नंदी व गणेश सागर के बीच खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता।
अर्थ- हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥
महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।।
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥
न कश्चित् पुत्रस्य वंचनं कर्तुम् इच्छति।
शङ्करस्य सम्मुखे पाठस्य पाठं कुर्वन्तु।
. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं
अर्थ: हे प्रभु वैसे तो get more info जगत के नातों में माता-पिता, भाई-बंधु, नाते-रिश्तेदार सब होते हैं, लेकिन विपदा पड़ने पर कोई भी साथ नहीं देता। हे स्वामी, बस आपकी ही आस है, आकर मेरे संकटों को हर लो। आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में कोई चूक हुई हो तो हे स्वामी, हमें क्षमा कर देना।
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
आपके पास पूजा के लिए दूध दही घी शक्कर शहद यानि पंचामृत तथा चंदन पुष्प बेलपत्र त्रिशूल डमरू आदि होने चाहिए अगर आपका व्रत है तो शाम को पूजा करने के बाद ही व्रत खोलें अंत में प्रसाद वितरण करें
जय जय जय हनुमान गोसाईं। कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।